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राज्य शिक्षा केंद्र में लगे प्रायवेट वाहनों के नाम पर हो रहा है करोड़ों का भ्रष्टाचार, परिवहन विभाग में नहीं हैं वाहन रजिस्टर्ड

Wednesday, February 28, 2024

/ by bharatbreakingnews

मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री के.के. मिश्रा, मप्र कांग्रेस के 

उपाध्यक्ष श्री जे.पी. धनोपिया और मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार 

प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री पुनीत टंडन की संयुक्त पत्रकार वार्ता

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राज्य शिक्षा केंद्र में लगे प्रायवेट वाहनों के नाम पर हो रहा है करोड़ों का भ्रष्टाचार, परिवहन विभाग में नहीं हैं वाहन रजिस्टर्ड

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मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी द्वारा किये गये 

भ्रटाचार की लोकायुक्त में हुई शिकायत 

भोपाल, 28 फरवरी 2024

मध्य प्रदेश कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त की गई, जिसमें राज्य शिक्षा केंद्र में लगे प्रायवेट वाहनों के नाम पर 13 महीनों में लगभग 1 करोड़ 75 लाख रूपयों का भुगतान राय श्री ट्रेवल एजेंसी को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा किया गया। तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर वाहन क्रमांक एमपी 04 सी.डब्ल्यु. 9950 मान. मंत्री जी राज्य शिक्षा केंद्र को आवंटित वाहन बिल में मारूति सियाज दर्ज है, जबकि परिवहन विभाग में उक्त वाहन हुडई कंपनी की क्रेटा वाहन दर्ज है। उक्त वाहन का 13 माह का  वाहन स्वामी को कुल राशि 8,62,236 रू. का भुगतान किया गया। जो कि अपने आप में जांच का विषय है। 

माननीय मंत्री स्टाफ, स्कूल शिक्षा, राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर एम.पी. 04 जेड.के. 4477 मारूति सियाज भुगतान हेतु बिल में दर्ज है। जबकि उक्त वाहन परिवहन विभाग में रजिस्ट्रर्ड ही नहीं है। परिवहन विभाग में उक्त वाहन का रिकार्ड दर्ज नहीं होना सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी में बताया गया है। एक अन्य वाहन मान. मंत्री महोदय स्कूल शिक्षा के नाम पर आवंटित वाहन क्रमांक एम.पी. 04 बी.सी. 7480 बिल में गाड़ी का नाम इनोवा किस्टा दर्ज है, जबकि परिवहन विभाग में उक्त गाड़ी स्कार्पियों दर्ज है। उक्त वाहन का एक माह का बिल भुगतान 01 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक का 1,80,628 रू. का भुगतान किया गया। जबकि वाहन स्कार्पियों है। अनुबंध के अनुसार इनोवा किस्टा को प्रतिमाह लगभग 75,000 रू. प्रतिमाह किराया एवं अतिरिक्त चलने पर 18.50 रू. प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया गया, जो बिल में उल्लेखित है। 

माननीय मंत्री महोदय स्कूल शिक्षा को आवंटित वाहन एमपी 04 बी.सी. 7755 इनोवा किस्टा वाहन को 11 माह में कुल राशि 17,92,133 रू. का भुगतान किया गया। जो कि एक जांच का विषय है। एक अन्य वाहन माननीय मंत्री स्कूल शिक्षा के नाम पर आवंटित इनोवा किस्टा क्रमांक एमपी 04 जेड.एच. 5566 का 2 माह का राशि 3,92,076 रू. भुगतान किया गया है। जबकि उक्त वाहन परिवहन विभाग में प्रायवेट कोटे पर दर्ज है। 

मप्र शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय के सर्कुलर में विभिन्न विभागों / कार्यालयों द्वारा वाहन किराये पर लिये जाने संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार पैरा-2 के बिंदु क्रमांक 3 में दर्ज क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में टैक्सी कोटे में रजिस्टर्ड वाहन ही किराये पर लिया जाये अंकित है। परंतु मप्र शासन के स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जो वाहन कार्यालय/ माननीय मंत्री स्कूल शिक्षा/ मंत्री स्टाफ के लिए ट्रेवल एजेंसी से वाहन किराये पर लिये गये हैं, उसमें कोई वाहन टैक्सी कोटे में दर्ज न होकर प्रायवेट वाहन है। इससे टैक्स की खुलेआम चोरी हो रही है। 

जो कि यह मामला अपने आप में भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। पायवेट वाहनों को किराये लगाकर जहां एक और धड़ल्ले से सरकारी धन पर डांका डाला जा रहा है। पूर्व में हमारे द्वारा 28 सितम्बर 2023 को पत्रकार वार्ता के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में किराये पर लगे वाहनों के फर्जी भुगतान को लेकर खुलासा किया गया था, जिसमें सतना एवं भोपाल के परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की पुष्टि कर चार पहिया वाहनों के स्थान पर ऑटो रिक्सा, बजाज सीटी 100 दोपहिया वाहन है। जिसके बाद हमारे द्वारा माननीय लोकायुक्त, मप्र को 26 फरवरी 2024 को शिकायत दर्ज करायी गई। 

मध्यप्रदेश सरकार जो एक तरफ लगभग  लाखों करोड़ों रूपये के कर्ज में है, वहीं शासन, प्रशासन में बैठे अधिकारियों, माननीय मंत्री, मंत्री के स्टाफ के नाम पर प्रायवेट वाहन किराये पर लगाकर लाखों रूपयों का भुगतान सरकारी खजाने से किया जा रहा है। जिस वाहन के नाम पर बिल का भुगतान किया जा रहा है, वह वाहन परिवहन विभाग में दूसरे नाम से दर्ज है। जबकि एक और वाहन एमपी 04 सी.ए. 9529  मारूती शिफ्ट डिजायर के नाम से बिल भुगतान हेतु दर्ज है, जबकि परिवहन विभाग में उक्त वाहन मारूती 800 वाहन के नाम पर दर्ज है और जिसका 6 माह में राशि 2,25,000 रू. का भुगतान किया गया है। जो कि अपने आप में भ्रष्टचार की श्रेणी में आता है। 

मध्यप्रदेश कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ द्वारा सूचना के अधिकार कानून-2005 के तहत जानकारी एकत्र कर सरकारी कार्यालयों, मंत्री और मंत्री स्टाफ के लिए किराये पर लगाये जा रहे वाहनों में किये जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर लगातार लोकायुक्त में शिकायतें दर्ज कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग की जा रही है। 

कांग्रेस की मांग है कि माननीय लोकायुक्त इन प्रकरणों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही कर सरकारी खजाने से हो रही लूट का पर्दाफाश कर सके।

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