कांग्रेस से भाजपा में जाने वालों की आज तक ऐसी स्थिति नहीं हुई दोनों ही पार्टी उन्हें कचड़ा समझ रही है
कांग्रेस के नेता के रहे हैं वह किसी काम के नहीं थे कचरे के समान थे इसलिए भाजपा में जा रहे हैं भाजपा के नेता कह रहे हैं वह गीले कचरे हैं सूखे कचरे हैं मतलब दोनों लोग कांग्रेस के नेता जो बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं कचरा मान रहे हैं ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई कि कांग्रेस के नेताओं को कचरा मान लिया गया हो भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव जी कहते हैं ऐसा लग रहा है बेर का पेड़ हिलाओ तो पके पर झड़ने लगते हैं मतलब की फल बहुत ज्यादा पक चुका है इसलिए फटाफट गिर रहा है सीधा अर्थ यह है दोनों पार्टी कांग्रेस से भाजपा में आने वाले नेताओं को अच्छे मन से पसंद नहीं कर रही भाजपा के वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस के नेताओं का बराबर आना अच्छा नहीं मांग रहे कांग्रेस के नेता तो वैसे भी इनको महत्वहीन समझते थे बड़ी विचित्र स्थिति हो गई है कांग्रेस भी कचरा कह रही है भाजपा भी कचरा कह रही है अब कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं का भविष्य भाजपा में क्या होगा यह स्पष्ट हो गया है इस तरह का संबोधन करने से इससे अच्छा होता है राजनीति से संन्यास ले लेते कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेता क्योंकि भाजपा के वरिष्ठ नेता इनका कोई महत्व नहीं देंगे इन बातों से यह स्पष्ट हो गया हैकभी राजनीति में नेताओं के लिए कचरा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया लेकिन मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत हो गई है
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